पैदल चलने की डालें आदत, नहीं होगी दिल की गति धीमी
विश्व इको कॉर्डियोग्राफिक सम्मेलन में दिल की बात में 200 लोगों ने पूछे सवाल
विश्व इको कॉर्डियोग्राफिक सम्मेलन के आखिरी दिन 'दिल की बात' विषय पर खुला सत्र हुआ, जिसमें 200 लोगों ने हृदय रोग की समस्याओं के बारे में विशेषज्ञों से जानकारी ली। बिड़ला ऑडिटोरियम के सामने रॉयल हवेली में 'जानिए दिल के बारे में, दिल की बात' आयोजन में चिकित्सकों ने कहा कि आहार पर ध्यान देने के साथ ही दिन में अधिकाधिक पैदल चलने की आदत डालनी चाहिए। पैदल चलने या तेज चाल चलने से दिल की गति तेज होती है और शरीर में तेजी से रक्त संचार होता है, जिससे धमनियों में कोई रुकावट नहीं रहती।
अध्ययनों का प्रेजेंटेशन
सम्मेलन में चिकित्सकों ने हृदय चिकित्सा जगत में आए क्रांतिकारी बदलावों, नवीन उपकरणों, निदान की आधुनिक विधियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। जयपुर के डॉ. तरुण गोकलानी, चेन्नई ब्लेविन जिनो वी, बैंगलूरू की प्रज्ञा किन्नी व आहिता बार्थर आदि चिकित्सकों ने अपने अध्ययनों को प्रेजेंटेशन से बताया। इस अवसर पर संतोकबा दुलर्भजी हॉस्पिटल के डॉ. मिलिंद श्रीवास्तव तथा मेट्रोमास हॉस्पिटल के डॉ. संजय शर्मा को 'फेलोशिप इंडिया एकेडमी ऑफ कॉर्डियोग्राफी फेलोशिप' देकर सम्मानित किया गया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि सवाई मानसिंह अस्पताल के पूर्व अधीक्षक वीरेंद्र सिंह थे।
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