राजनीति पर भारी राजनीति

वैसे तो राजनीति चीज ही गंदी है। परंतु आजकल के नेता तो शायद दिनांे दिन अपनी छवि को बिगाड़ ही रहे हैं। पीएम मनमोहन सिंह का राजस्थान की सीएम और यहां की सुरक्षा व्यवस्था और आर्थिक नीति के बारे मंे बोलना बिल्कुल किसी हिंदी फिल्म की तरह दिखता है। जैसे किसी भी धमेZद्र और मिथुन की फिल्मों में दिखता था कि नेता अपनी सीट के लिए क्या क्या कर सकते हैं और क्या क्या कर जाते हैं। राजनीति का यह गंदा असर वैसे अबकी बार कुछ ज्यादा ही बढ़ता नजर आ रहा है। पूर्व सीएम और भावी सीएम का एक दूसरे पर सीधा लांछन लगाना शायद पिछली बार इतना नहीं देखा गया था जितना अबकी बार देखा जा रहा है। पूर्व सीएम का आर्थिक नीतियों पर भावी सीएम को बोलना की उन्हांेने 52 प्रतिशत राशि खर्च क्यों नहीं की। तो भावी सीएम उन्हें यह बोलती है कि पूर्व सीएम ने तो कोक्ष में पैसा होने के बावजूद यह ही बोलते रहे कि हमारे पास पर्याप्त राशि नहीं है। वैसे पुराने सीएम ने सिर्फ रोड़ और ब्रिज पर कार्य किया तो भावी सीएम ने शहर और राज्य की दशा बदलने में काफी योगदान दिया। ाावी सीएम ने चाहे किसी भी दाम पर जमीनें बेची हो पर विकास तो राज्य का हुआ है इसमें कोई शक नहीं है। वैसे राजे एक राजकुमारी रह चुकी है तो उन्हें ज्यादा भव्य चीजों से प्यार है इसका उदाहरण है कि उन्हांेने सीएम बनते ही अपने पूरे सीएम भवन को बदला और सिर्फ दस लाख का तो उन्होंने टॉयलेट ही बनवाया था। अत: उनका यह प्यार राज्य और जयपुर शहर के लिए काफी योगदान वाला रहा। उन्हांेने सीकर रोड और दिल्ली रोड के साथ साथ जेएलएन मार्ग पर जमीनों को बेचकर जो सुंदरता बढ़ाई है काबिले तारीफ है। राजनीति एक इतनी घटिया चीज होती जा रही है कि केरल के मुयमंत्री ने मुंबई Žलास्ट में मारे जा चुके सेना के एक जवान की मौत पर शोक न जताकर यह कहा कि `अगर संदीप एक शहीद नहीं होता, तो उसके घर कोई कुत्ता भी नहीं जाता।´ यह सीन सीधा-सीधा आमिर की सुपरहिट मूवी रंग दे बसंती जैसा था जिसमें मिग पायलट आर माधवन के मरने पर फिल्म में एक नेता, उसका पद तो मुझे याद नहीं है पर उसने यह कहा था कि आज के युवा सिर्फ दिखावे में ही सेना में भतीü हो जाते हैं और युवा इसे एक मजाक की तरह समझते हैं। इस बात पर मुझे शायद इतना गुस्सा नहीं आया जितना उस हरामी केरल के नेता पर आया जिसने एक शहीद की तुलना एक कुžो से की। सीएम ने एक चैनल से बातचीत में कहा था कि संदीप शहीद न होते तो उनके घर कुत्ता भी नहीं जाता। नेता हरामी होते हैं यह सिर्फ सुनते ही आए थे आज उसका उदाहरण देख लिया है। वैसे अच्युतानंदन के बयान के विरोध में तिरुवनंतपुरम में मंगलवार को युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सचिवालय के सामने एक कुžो के गले में अच्युतानंदन की तस्वीर बांध कर प्रदर्शन किया और मुयमंत्री का पुतला फूंका। केरल विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ।

Comments

accha prayas hai

regular likho
DUSHYANT said…
chhota likho..achchha likho ..regular likho...keep it up and on...best of luck
dhanybad... accha likha... prayas karo
rajneeti me se ab neeti nikal di gai hai. narayan narayan
होली की शुभकामनाएं.

हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।