दूर से निहारते इन आखों की, प्यास कभी तो मिटा दो,
दुआ के लिए उठे इन हाथों में, कभी कोई आस तो दिखा दो,
इतना बेदर्द न बन ये खुदा !!!!
इस बेरंग जिन्दगी में भी, कभी खुशियों के पल लौटा दो,
नहीं मांगते हम पैसा, नाहीं ऐश की जिन्दगी,
पर हमारी झोली में, खुशियों के एक पल तो दे दो,
वो दिन का चैन, एक रातभर का सुकून तो दे दो,
इतनी बस दुआ है, हमें छोटी छोटी खुशियाँ दे दो,
Comments
sec